Saturday, March 26, 2011

हुज़ूर


ये दिल बहुत उदास है, बहलाइये हुज़ूर,
कब से बुला रहा हूँ मैं, पास आइये हुज़ूर,

बैठा हूँ कब से आपके दीदार के लिए,
तड़पे हुओं को और न तड़पाइये हुज़ूर,

आये हैं अभी आप अभी चल दिये कहाँ,
रौनक है आप बज़्म की रुक जाइये हुज़ूर,

महफ़िल में मैं, पियूँ न पियूँ, पर है इल्तिजा,
हर जाम मेरे नाम से छलकाइये हुज़ूर,

हमने वफ़ा किया हमीं, कहलाये बेवफा,
"बेबस" पे इस तरह न सितम ढाइये हुज़ूर,

1 comment:

  1. tute hzaar khaab,kuch khat-o-kaagzaat,
    ye daulat hai beshumaar yun udaiye huzur..

    Ek boond pyar ke liye bhatakta hai tu kahan,
    "sagar" hoon mohabbat ka,doob jayiye huzur..

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