मेरे जज़्बात, कोई क्या जाने
दिल के हालात, कोई क्या जाने
पागलों की तरह से, फिरते हैं,
एख्तेलाफात, कोई क्या जाने,
जो गुज़ारे है, बन्द कमरे में,
ऐसे लम्हात, कोई क्या जाने,
बाद मुद्दत, किसी का मिलना हो,
वो मुलाक़ात, कोई क्या जाने,
जिसने काटी न हो, कभी "बेबस"
वो सियह रात, कोई क्या जाने,